तहसील दार साहब आप कब आओगे …
मधेपुरा :उदाकिशुनगंज : एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है – अनुशासन ही राष्ट्र को महान बनाता है । लेकिन भारत के कई आला अधिकारी ऐसे है जिसमें अनुशासन तो दूर की बात जिम्मेदारी नाम की कोई चीज भी होती है नहीं पता । आज हम बात कर रहे है उदाकिशुनगंज प्रखंड जिला – मधेपुरा बिहार के तहसील कचहरी प्रधान तहसीलदार साहब की । जो समय को नाम मात्र महत्वपूर्ण देते है । जी हाँ , ये वे बिहार सरकार के कर्मचारी है जिसकी कार्यालय पहुँचने का समय 12 बजे तक नहीं होती है जिम्मेदारी से विमुख कर्मचारी अपने घर पर ही पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यों का निर्वाहन करते है । कोई गड़बड़ी ना हो उसके लिए साहब ने दो तीन स्टाफ भी रखें जो तहसीलदार साहब की अनुपस्थिति में उनके कुर्सी का इस्तेमाल करना बखूबी जानते है । और लोगों को खूब पढ़ाते है ।
यहाँ आए लोगों और स्थानीय ग्रामीणों का कहना है – तहसीलदार साहब रोज 1 बजने के बाद ही आते है । तब तक इनके द्वारा नियुक्त स्टाफ ही छिट फुट काम किया करते है । और ऐसा सिर्फ यहाँ ही नहीं कई कार्यालयों की समस्या है । यहाँ तक कि साहब किसी भी तरह की सूचना ,सूचना पट्ट पर चिपकाना भी मुनासिब नहीं समझते है ।
आखिर ऐसे में सुशासन बाबू की बागडोर कितनी जिम्मेदारी से चल रही है । अंदाजा लगाया जा सकता है।सरकार इस ओर बखूबी ध्यान देना चाहिए ताकि आमजनों को ज्यादा परेशानी झेलनी ना पड़े अन्यथा आपके होने या ना होने का कोई औचित्य नहीं ।
✍️ मनकेश्वर महाराज “भट्ट”