ताजातरीन मामला हसपुरा थाना कांड संख्या- 97/18 से जुड़ा है। पुलिस बैक डेट में हम पर और हमारे निजी सचिव आशुतोष राय पर मुकदमा दर्ज की है। आनन-फानन में बिना अनुसंधान किये केस ट्रू भी कर दिया गया है। हम पुलिस-अपराधी-सामंती सियासी व विपक्षी नेताओं के शिकार बनाये गये हैं। हत्यारे को सत्ताधारी सियासतदानों के साथ ही कुछ प्रखंड स्तरीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। हसपुरा बाजार में एक मई को सोना व्यवसायी लूट-हत्याकांड के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 10 मई को हसपुरा बाजार में जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) प्रदर्शन कर रही थी। जिसका नेतृत्व हम खुद कर रहे थे। पुलिस अपराधियों के साथ खड़ी थी। हत्यारों को पुलिस तब भी बचा रही थी और आज भी बचा रही है। आज भी नामजद सभी अपराधी पकड़े नहीं गये हैं। खुलेआम हसपुरा बाजार में घूम रहे हैं। सवाल है कि कबतक पुलिस सामंतों के इशारे पर मुकदमा करती रहेगी? इसके पहले भी न्याय की आवाज उठाने की वजह से सियासी नेताओं के इशारे पर उपहारा और गोह थानेे में अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज करायेे गयेे हैं? क्या लोकतंत्र में गूंगी-बहरी सरकार के अधिकारियों की तन्हाई निद्रा तोड़ने के लिये न्याय की गुहार लगाना अपराध है? बिंदेश्वरी यादव के हत्यारों की गिरफ्तारी और पुलिस-अपराधी गंठजोर की मांग उठाकर आखिर हमने कौन सा गुनाह कर दिया? पैसे और प्रभाव में काम करने वाले पुलिस अधिकारियों को याद रखना चाहिये, आपके कुकर्मों से भले ही हत्यारे बच गये हो, लेकिन जनता की अदालत में हत्यारे को संरक्षित करने वाले ना तो सियासतदान बच पाएंगे और ना ही हत्यारे। बिकाऊ नेताओं को जनता पहचान चुकी है। बेईमान अधिकारियों के प्रति आज भी जनता का गुस्सा बना हुआ है। इसी तरीके से पुलिस अधिकारी न्याय मांगने वालों पर फर्जी मुकदमें करते रहे तो जनता का गुस्सा कब फूट जाएगा, कहा नहीं जा सकता और ना ही संभाला जा सकता है। इसके पहले भी जनता का गुस्सा भड़का था। बेईमाान अंचल अधिकारी को कुल्हाड़ी में यहां की जनता काट दी थी। तब भी अधिकारी सबक नहीं सिख रहे हैैं। सामंतों के इशारे पर नाचने वाले पुलिस अधिकारी हमारी गिरफ्तारी क्या, किसी के इशारे पर हत्या भी करवा सकते हैं। हम भगोड़ा नहीं हैं और न ही कायर और कमजोर हैं। न्याय की गुहार लगाकर हमने कानून नहीं तोड़ा है? प्रदर्शन हिंसक नहीं था और ही बल प्रयोग किया गया था। प्रदर्शन का समर्थन दुकानदारों के साथ ही व्यवसायिक वाहन मालिकों ने भी किया था। सच्चाई तो यह है कि प्रदर्शन के समर्थन में सुबह से ही दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी थी और प्रदर्शनकारियों के साथ चल रहे थे। प्रदर्शन के दौरान हसपुरा में तैनात मजिस्ट्रेट और थानाध्यक्ष समेत अन्य अधिकारियों में हिम्मत है तो वह वीडियो सार्वजनिक करें जिसमें जाप कार्यकर्ता बलप्रयोग कर दुकानदारों को डरा धमका रहे हैं। हमने उस वक्त भी अनुुुुमंडल पदाधिकारी, दाउदनगर को अपने लिखित आवेदन मेें आशंका जाहिर किया था प्रदर्शनकारियों के बीच कुछ असमाजिक लोग माहौल को खराब कर सकते हैैं। इस पर पुलिस ध्यान नहीं दी। आशंका है कि मुुझे फंंसाने के लिये पुलिस स्वयं कुछ गुंड़ों से प्रखंड कार्यालय में तोड़फोड़ करवायी थी। मामले को दाबे रखी। जब इशारा हुआ तो गििरफ्तारी की साााजिश रच रही है। इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग हम करते हैैं। पुलिस की यह साजिश गरीबों की आवाज दबाने के लिये है। ताकि अपराधियों को संरक्षित करने वाली पुलिस पर दबाव ना बने। शिक्षा की बदहाली को लेकर हम 6 से 11 अगस्त तक गोह विधानसभा क्षेत्र मेें पोल खोल, पर्चा बोल आंंदोलन की शुरुआत करने वाले हैैं। इससे सरकारी मुलाजिम घबरा गये हैं। फर्जी मुुुकदमा लादकर शिक्षा की बदहाली पर उठने वाले आवाज को दबाना चाहते हैं सरकारी मुलाजिम और सामंती सियासतदान। हम इनके मंसूूबा पूरा नहीं होने देंगे। विदित हो कि एक मई को सोने की खरीदारी कर रहे कलेर स्थित हांसेडीह गांव के बिंदेश्वरी यादव को सोना दुकानदार खत्री एंड कंपनी ने लुटेरा बताकर लोगों को गुमराह किया और पीट-पीटकर हत्या कर दी। जबकि उनके एक रिश्तेदार रवि कुमार, जो भारतीय सेना का जवान था। गुंडा पाल रखे सोना दुकानदार और उसके गुर्गों ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। आज भी सेना जवान रवि अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। माॅव लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कड़े कानून बनाने की वकालत की है। आपका श्याम सुंदर प्रदेश प्रवक्ता जापलो