मुकेश कुमार / मधेपुरा :-
बुधवार को किसान सांसद मधेपुरा की अत्यावश्यक बैठक प्रगतिशील किसान शंभु शरण भारतीय के गोशाला परिसर स्थित आवास में हुई। इस बैठक में जिले कुछ के नेतृत्व कारी साथी मौजूदा दौरे में खेती किसानी की बदहाली ओर अससम्मानजक स्थिति पर विचार-विमर्श हेतु उपस्थित हुए ।
साथी ही खेती-किसानी को कैसे लाभकारी बनाया जाय ,कैसे इसे सम्मानजनक रूप में समाज मे स्थापित किया जाय कैसे खेती-किसानी को भारतीय कृषि का दर्जा दिया जाय -गंभीर चर्चा कर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए । बैठक की अध्यक्षता किसान सांसद के अध्यक्ष प्रगतिशील किसान शंकर कुमार कर रहे थे।
किसान सांसद मधेपुरा की इस बैठक चर्चा की शुरुआत करते हुए किसान सांसद के सचिब शंभु शरण भारतीय ने शायर राहत इंदौरी के शेर -“न कोई हमसफर -न किसी हमनशीं से निकलेगा ,हमारे पाँव का काटा -हमहि से निकलेगा ” सुनाते हुए कहा कि किसान को अपने पाँव के काटे को निकालने के लिए खुद तैयार होना होगा। और इसके लिए किसान सांसद मधेपुरा एक मजबूत मंच के रूप में काम कर रहा है। कृषि और कृषक जागरूकता के लिए कौन -कौन से सशक्त कदम उठाए जा सकते हैं इसके लिए किसान सांसद की भूमिका उल्लेखनीय है ।
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए ओषधीय किसान सन्नी कुमार ने कहा कि जब तक कृषि उत्पादन का सही मूल्य निर्धारण नही होगा तब तक खेती किसानी को लाभ कारी नही बनाया जा सकता ।
ओषधीय किसान राजदीप कुमार ने कहा कि मधेपुरा में कृषि आधारित उद्योग लगाकर गुणवत्तापूर्ण उत्पात तैयार कर बड़े बाजार में पैठ बनाकर कृषि को लाभकारी पैसा ही नही सम्मानजनक पैसा में बदला जा सकता है।
किसान बालकिशोर यादव ने कहा कि जब तक ओषधीयखेती को बढ़ावा नही मिलेगा खेती लाभकारी नही हो सकती आय दुगुनी करने की बात महज विज्ञापन साबित होगा।
किसान एवम सामाजिक विचारक आध्यानंद यादव ने कहा कि आज सरकार ने किसानों को भटकाव की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है आज मक्का खरीदने वाला सरकारी कीमत से आधी कीमत पर वाकये भुगतान के नाम पर खरीद कर रहा है और किसान झख मारकर ओने -पोने दाम में बेच रहा है ऐसे में कृषि को कैसे लाभकारी बनाया जा सकता है।
किसान फुलेश्वर ऋषिदेव ने कहा कहा कि सरकार कहती है उत्पादन बढ़ाओ किसानों की आय दुगुनी होगी ।उत्पादन बंपर हुआ -सरकारी दर -1850 व्यपारी डर 850 से 900 किसान क्या करे आप ही नोकरिया लोग कहिए ।
किसान जयकुमार भारती ने कहा कि आज हम जैसे किसान मक्का का अत्यधिक उत्पादन इस आस में किये की उचित आय मिलने पर बच्चों की पढ़ाई पर कुछ अधिक खर्च करूंगा -लेकिन सब गुर-गोबर आधे दाम पर बेचने से अच्छा है गाय को खिला देना-और खिला भी रहा हूं।
युवा किसान लालटू कुमार ने कहा कि हम बीज खरीदते हैं गेंहू का अस्सी रुपइया किलो जब बिक्री का समय आता है तो बेचते हैं पंद्रह -सोलह-ऐसी आरजकता में आप खेती को कैसे लाभकारी बना पाएंगे यही मेरा सवाल है।
युवा किसान बिट्टू कुमार ने केसीसी लोन की सुगमता पर बल दिया साथ ही फसल क्षति की सही जाँच कर ससमय उचित मुआवजा देकर इस पेशा को लाभकारी बनाया जा सकता है।
अंत में अध्यक्षता कर रहे किसान सांसद के अध्यक्ष शंकर कुमार ने कहा कि सरकार किसानों को भटका रही है जब तक कृषि उत्पादक अपना उत्पादित मूल्य खुद नही तय करेंगे तब तक खेती -किसानी लाभकारी नही हो सकता है ।क्या मजाक है उत्पादन हम करें दाम -दूसरा तय करेगा । उत्पादक इसके अलावा कोई और करें -दाम वह खुद तय करेगा यह अपराध है -सरासर नाइंसाफी है”इसके अलावे ओर सदस्यों ने भी अपनी विचार व्यक्त किये।