मधेपुरा: मधेपुरा लोकसभा चुनाव में हमेसा से एक कहावत चरितार्थ है कि रोम है पोप का मधेपुरा है गोप हौ । इसका तात्पर्य यह है कि मधेपुरा में अबतक जो भी सांसद बने हैं वह गोप (यादव) ही बने है । 16वी० लोकसभा चुनाव में भी यही मुद्दे पर वोट भी हुआ था तो मधेपुरा का पॉप राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बना था । वही 2019 की लोकसभा में राजनीतिक दल रोम पोप का मधेपुरा गोप का हवा में तीन दल महागठबंधन शरद यादव , NDA जदयू के दिनेश चंद्र यादव, जनअधिकार पार्टी (लो०)व निवर्तमान सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी गोप ही है । लेकिन लड़ाई पूरे लोकसभा में जाति आधारित कही नही है। लड़ाई है सेवा बनाम दल एक तरफ महागठबंधन एम वाय को वोट बैंक समझते हैं। NDA जदयू के पार्टी का विशेष वोट बैंक है वही दोनो के बीच से तीसरे उम्मीदवार पप्पू यादव के पास सभी जाति समुदाय का सम्बंध परिवारिक सम्बंद बना लिये है । इसलिये कोई भी जाति धर्म में पप्पू यादव का सेवा ही वोट बैंक है । वही इस चुनाव में सभी उम्मीदवार खास मुद्दे को लेकर वोट मांगते हैं तो वही पप्पू यादव कहते हैं जनता मालिक है मालिक का काम है अपने सेवक को उसके काम का मज़दूरी देने का फर्ज है । में 2014 से 2019 तक हर घर से रिश्ता बनाया हूँ हर किसी के दुख सुख में हमेसा से साथ रहा हूँ और रहूंगा भी । वही क्षेत्र में ये भी देखने और सुनने को मिलता है कि शरद यादव मधेपुरा से 30 वर्ष तक सांसद रहे लेकिन वह सिर्फ चुनाव के समय ही वोट मांगने पहुंचे है । वही दिनेश चंद्र यादव पर सहरसा में कह रहे हैं कि दिनेश चंद्र यादव सहरसा से सांसद रह चुके हैं लेकिन आज तक कोई काम आम जनता के बीच नही किया और आम जनता के बीच ये भी चर्चा है मंत्री रहते हुए मधेपुरा और सहरसा में कोई ऐसा काम नही किया कि उन्हें सांसद पुनः भेजे । वही पप्पू यादव के बारे में कहते हैं कि उनका दिल्ली में बना रहना बहुत जरूरी है क्योंकि दिल्ली में गरीबो के लिये उनका घर 24 घंटे खुला हुआ है। अगर सांसद नही भेजेंगे तो गरीब दिल्ली में हमेसा भटकते रहेंगे । क्या मधेपुरा लोकसभा अबकी बार जनता कही रोम पॉप का मधेपुरा पप्पू का घोषित नही कर दे ।