सहरसा: राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय में युवा दिवस मनाया गया
राजेंद्र मिश्र महाविद्यालय, सहरसा में प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ० अरुण कुमार खां की अध्यक्षता में , राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े छात्र- छात्राओं के साथ विवेकानंद जयंती एवं युवा दिवस मनाया गया। आज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य महोदय ने एन०एस०एस० के स्वयंसेवकों को स्वामी विवेकानंद की जीवनी, उनके समाज के प्रति किए गए कार्य से संबंधित जानकारी दी तथा स्वयं- सेवकों को को संबोधित करते हुए कहा कि हमें स्वामी जी के जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बोला कि जीवन में लक्ष्य का निर्धारण करना अति आवश्यक है, बिना लक्ष्य निर्धारण के जीवन में सफल नहीं हुआ जा सकता है। अगर जीवन में सफल होना है, तो हमें तब तक कार्य करना होगा, जब तक हम अपने लक्ष्य को पूर्णरूपेण प्राप्त ना कर ले। उन्होंने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि” जब तक जीना है, तब तक सीखना होगा, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है, और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है।”
इसके पश्चात सिंडिकेट सदस्य कैप्टन डॉ० गौतम कुमार ने भी एन०एस०एस के स्वयंसेवकों को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि “जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं, तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते हैं।”व्यक्ति को अपने जीवन में कामयाब होने के लिए पहले खुद पर विश्वास करना अति आवश्यक है।
इससे पहले आज के कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। आज के कार्यक्रम का मंच संचालन एन०एस०एस इकाई-1 की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ०कविता कुमारी के द्वारा किया गया। डॉ० कविता कुमारी ने भी छात्र- छात्राओं को स्वामी विवेकानंद की जीवनी से प्रेरणा लेने की बात कही।
उन्होंने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद का कहना था कि “पहले मैं नहीं- पहले आप।” एन ०एस० एस इकाई-2 के कार्यक्रम पदाधिकारी सह- जिला नोडल पदाधिकारी प्रो० अमिष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि “अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करो ,अपने पूरे शरीर को उस एक लक्ष्य से भर दो और हर दूसरे के विचार को अपनी जिंदगी से निकाल दो। यही सफलता की कुंजी है।” यह स्वामी विवेकानंद जी का कथन है।