पटना [ ] बिहार के नए राज्यपाल बनाए गए लालजी टंडन मूल रूप उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद के रहने वाले हैं। वह उत्तर प्रदेश सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री व विधायक रहे हैं। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नजदीक के रूप में जाना जाता है।
अटल जी के अपनी संसदीय सीट लखनऊ को छोडऩे के बाद पार्टी ने उन्हें उतारा था और वह 15वीं लोकसभा में निर्वाचित होकर 2009 में पहली बार संसद पहुंचे थे। उनके बड़े बेटे आशुतोष टंडन वर्तमान में यूपी सरकार में तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा के कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन लालजी टंडन पिछले काफी समय से किसी पद पर नहीं थे।
पहली बार किसी राज्य के राज्यपाल बने लालजी टंडन भाजपा से वर्षों से जुड़े रहे हैं। वह उत्तर प्रदेश से दो बार (1978-84) विधान परिषद सदस्य और तीन बार (1990-96) विधानसभा सदस्य रहे हैं।
लालजी टंडन उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह व राजनाथ सिंह की सरकार में विभिन्न विभागों के कैबिनेट मंत्री थे और बसपा-भाजपा गठजोड़ से बनी मायावती सरकार में वह शहरी विकास मंत्री थे। इसके अलावा वह 2003 से 2007 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं।
माना जाता है कि पार्टी ने अटलजी की इच्छा पर ही उन पर दांव लगाया था। इसके बाद वह अटलजी के नाम पर ही चुनाव लड़े और तत्समय कांग्रेस की उम्मीदवार रहीं रीता बहुगुणा जोशी हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे।