सेंट्रल डेस्क: दिनांक 06 सितम्बर 2018 को भारत बंद SC, ST, OBC एक्ट के खिलाफ भारत बंद किया गया था। लेकिन इस बन्दी में खास कर SC ST ओबीसी के नेताओं को टारगेट किया गया था। आपको जानकारी के लिए बता दूं कि भारत बंद की नाटकीय कर्म सवर्णो के दुवारा आयोजित करके रॉड पर नंगा नाच किया गया और पूरे देश मे प्रशासन मोन बनी रही ? सवाल उठता है कि जब बन्दी का प्रोग्राम था तो व्यापक रूप से प्रशासन क्यो नही थे ।
वही कल बिहार के बेगूसराय में बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक को जिस तरह से जाति नाम लेकर हमला किया गया । समझिये आम आदमी के साथ क्या किया होगा से भारत बंद के समर्थक ।
वही दूसरी सबसे बड़ी घटना बिहार के ही भारत बंद में जनअधिकार पार्टी (लो०) के राष्ट्रीय संरक्षक व मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जी पर मुजफरपुर में आत्मघातीय हमला हुआ जिसमें वे बाल बाल बचे और उनके गाड़ी एव मोबाइल को भी तोर फोर किया । और जाति का नाम लेकर हमला किया गया ।
अब आप सोचने को मजबूर हो जाईयेगा की बिहार सहित देश मे जातीय आंदोलन होगा तो SC, ST,ओबीसी के सभी जाति एक होकर आंदोलन करेंगे ।
वही कुछ आदमी का कहना है कि कल भारत बन्दी सरकार की पोल खोल दिया कि प्रशासन की कैसी व्यवस्था है ।
क्योकि बिहार सरकार के मंत्री शयाम रजक ने खुद बताया कि कई बार पुलिस अधीक्षक , एव थाना प्रभारी को फोन किया लेकिन फोन नही उठाया गया ।
वही पप्पू यादव ने भी कहा कि घटना के समय मुजफरपुर के पुलिस अधीक्षक एव थाना प्रभारी को कई बार फोन किया गया लेकिन कोई रिस्पांस नही लिया ।
सबसे बड़ा सबाल केंद्र सरकार एव बिहार सरकार क्या खास जाति के लोगो का तलवे चाटने का काम कर रहा है। क्योंकि इस तरह की घटना से पूरा देश जातिय रंग में रंग गया है। अगर दोषी आन्दोलन कर्मी पर कार्यवाही प्रशासन नही करते हैं तो शायद देश मे दूसरा रंग दिखने को मिल जाएगा । सबसे बडा सबाल यह भी उठता है कि कल भारत बंद के दौरान बहुत मंत्री और mp दूसरे जाती के नेताओं पर हमला नही हुआ क्यो ?