पटना- बिहार के डीजीपी केएस द्विवेदी ने सभी जिलों के वरीय पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े गिए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि रात में तो छोड़िए बिहार पुलिस दिन में भी पेट्रोलिंग नहीं करती है। डीजीपी के इस पत्र के बाद बिहार पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
आलसी है बिहार पुलिस….
डीजीपी ने अपनी ही पुलिस को निकम्मा और आलसी बताया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि अपराधी यह सोचते हैं कि पुलिस हमें पकड़ नहीं पाएगी और इसी वजह से वे एक के बाद एक अपराध कर रहे हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि अपराधी दिन में ही वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं और पुलिस कुछ नहीं करती। कड़े एक्शन नहीं लेने की वजह से अपराधी बेखौफ हो गए हैं।
घटना पर पूरी तरह काबू पाना बहुत ही मुश्किल है ….
डीजीपी ने कहा कि बिहार में लूट और हत्या की वारदात बढ़ी है। जितनी हत्याएं हो रही है उसमें 50 फीसदी से ज्यादा जमीन विवाद को लेकर है। आम लोगों के बीच यह चर्चा है कि बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। घटनाओं को कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन इस पर पूरी तरह काबू पाना मुश्किल हो गया है। डीजीपी ने पत्र में बढ़ते क्राइम को कंट्रोल करने के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।
डीजीपी के पत्र पर राजनीति शुरू
डीजीपी के पत्र पर विपक्षी नेताओं ने राजनीति शुरू कर दी है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि डीजीपी ने मेरे दावे पर मुहर लगाई है। सरकार अपराधियों और तस्करों के साथ मिली हुई है। कांग्रेस ने इस पत्र पर कहा कि अगर डीजीपी को यह लगता है कि वे पुलिस महकमे को संभाल नहीं सकते तो वे इस्तीफा क्यों नहीं दे देते हैं।