सरकार जहां शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। वहीं सदर हॉस्पिटल स्थित SNCU (सिक न्यू वार्न केयर यूनिट ) मे जनवरी माह से अवतक 43 नवजातों की मौत हो चुकी है। जनवरी माह मे 414 बच्चे भर्ती हुए थे जिसमे मात्र 198 बच्चे ही ठीक होकर अपने घर लौट सके। 143 बच्चों की स्थिति ठीक नही देख उन्हे रेफर कर दिया वहीं 43 बच्चों की यूनिट मे ही मौत हो गई .इस प्रकार अवतक कुल मिलाकर 43 नवजातों की मौत हो चुकी है। जबकि SNCU के लिए सालाना 8 लाख का बजट है .10 AC मे 8 AC खराब पड़ी है .साफ सफाई भी ठीक ठाक नही रहता है न तो और एक भी जरूरी दवा आदि उपलब्ध नही रहता है।
8 लाख रुपया कहाँ खर्च होता है इसका कोई अता पता नही चलता है . जबकि नवजातों के परिजनो को बाहर से दवा लाने की पर्ची थमा दी जाती है .इस बावत C S dr .मिथिलेश झा ने बताया की इसकी जांच की जा रही है और व्यवस्थाओं को ठीक किया जा रहा है . वहीं मीडिया में जानकारी होने पर डीएम ने तीन सदस्यो की एक कमिटी बनायी है और दो दिनो के भीतर जांच कर रिपोर्ट मांगी है। सदर हॉस्पिटल के SNCU मे हुए नवजातों के मौत ने अस्पताल प्रशासन .जिला स्वस्थ्य समिति व रोगी कल्याण समिति के क्रिया कलापों की सदर अस्पताल में कुब्यवस्था का पोल खोल कर रख दिया है और मौत पर कई सवाल खड़े कर मौत के लिए जिम्मेवार पर कार्यवाई के लिए लोगो को खोज रही है।