आरा जिले में मकान का झांसा दे एक दलित किशोरी से गैंगरेप के मामले में सिविल कोर्ट आरा ने चारों आरोपितों को सश्रम उम्र कैद कारावास की सजा सुनायी है। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ आर्थिक दंड भी लगाया है। प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश आरके सिंह ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। इन आरोपितों में रोहतास जिला के कच्छवा गांव के वीर बहादुर सिंह, पटना जिला के कनपा गांव निवासी मंतोष सिंह उर्फ मंटू, चौरी थाना क्षेत्र के छतरपुरा गांव के मंटा उर्फ अखिलेश साह व एकम रजवार शामिल हैं। इनमें वीर बहादुर सिंह छतरपुर गांव का दामाद है।
इन चारों ने प्रधानमंत्री आवास के तहत मकान दिलाने के नाम पर किशोरी व उसकी मां को बहला-फसलाकर ले गये थे। बाद में किशोरी के साथ रेप किया गया था। इस मामले अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पीपी सत्येन्द्र सिंह दारा ने बहस की था। उन्होंने बताया कि चौरी इलाके में 8 मार्च 2018 को एक दलित किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उस मामले में चार लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सभी के खिलाफ रेप, पॉस्को व एससी-एसटी एक्ट के तहत केस किया गया था। जांच के बाद पुलिस ने चारों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसके बाद चारों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में 24 मई 2018 को आरोप का गठन किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में आठ लोगों की गवाही दर्ज हुई। 31 मई को सजा के बिंदु पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश ने एससी-एसटी व पॉस्को के तहत वीरबहादुर, अखिलेश, मंतोष सिंह व एकम रजवार को सश्रम उम्र कैद और 376 डी के तहत मंतोष सिंह व एकम रजवार को सश्रम उम्र कैद व दस-दस हजार रुपया अर्थदण्ड की सजा सुनाई।
*शादी से तीन दिन पहले मंतोष को जाना पड़ा था जेल*
आरा। पटना के कनपा निवासी मंतोष साह की मार्च 2018 में शादी होने वाली थी। 12 मार्च को उसकी बारात जाने वाली थी। इससे पहले ही वह रेप के मामले में पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। ऐसे में उसकी शादी के सपने चकनाचूर हो गए थे। बताया जाता है कि मंतोष के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी। अकेले होने के कारण उसकी शादी नहीं हो रही थी। ऐसे में वह चौरी इलाके के अपने एक रिश्तेदार के घर आया था। इसी दरम्यान उसकी दोस्ती अखिलेश साह हो गई। इसी बीच उसकी शादी भी तय हो गई। शादी से चार दिन पहले आठ मार्च को अखिलेश उसे लेकर अंधारी गांव आया था। उसी दिन रेप की घटना को अंजाम दिया गया। 9 मार्च को उसी की बाइक से किशोरी को पहुंचाया गया था। वहीं रोहतास के कच्छवा गांव का वीर बहादुर सिंह शादीशुदा है। उसकी शादी छतरपुर गांव में हुई थी। ससुराल आने-जाने के क्रम में उसकी जान-पहचान अखिलेश से हो गई थी।
*सीसीटीवी में चेहरा आने का भय दिखा मां को भेजा था*
आरा। जिले के सहार के एक गांव की रहने वाली दलित मां-बेटी को आरोपितो ने आवास योजना दिलाने का झांसा दिया। फिर दोनों को बहला-फुसला गांव से बाहर ले गए। बीच रास्ते में महिला को यह कहते हुए घर भेज दिया कि उसका चेहरा सीसीटीवी में आ जाएगा। इससे परेशानी होगी और आवास नहीं मिलेगा। इसके बाद किशोरी को एक गांव में ले जाकर रेप किया। जानकारी के अनुसार द्वारा तब आरोपितों द्वारा बताया गया कि आवास के लिए ब्लॉक चलना होगा। इस पर मां-बेटी तैयार हो गई और आरोपितो के साथ ऑटो पर सवार होकर घर से निकल पड़ी। खैरा बाजार में आरोपितों ने सीसीटीवी का डर दिखा महिला को घर भेज दिया। इसी बीच शाम हो गई और अंधेरा हो गया। इसके बाद आरोपित नाबालिग को लेकर छतरपुर गांव पहुंच गए। इस दौरान सभी किशोरी के अखिलेश साह के घर ठहरे। देर रात अखिलेश व बहादुर द्वारा रेप किया गया।