जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज़ अहमद ने अपने वक्तव्य में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने इंसेफेलाइटिस रोग से मासूम बच्चों की मौत पर जिस प्रकार से गलत बयानी की है। यह कहीं से भी मानवीय दृष्टिकोण से सही नहीं माना जायेगा। एक ओर बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय विदेश दौरे का बखान कर रहे हैं। तो दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री लोकसभा चुनाव का हवाला देकर बच्चों की मौत से पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।यह किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है । दरअसल केंद्र एवं राज्य सरकार मुजफ्फरपुर में मासूम बच्चों की मौत को रोकने के लिए अब तक कोई गंभीर उपाय नहीं कर सकी है। और ना ही कोई राज्य सरकार की ओर से प्रयास हो रहा है।
भाजपा और जदयू दोनों एक दूसरे को राजनीतिक रूप से कमजोर करने के प्रयास में शह- मात का खेल खेल रहे हैं। और आम जनता को और मासूम बच्चों को काल के गाल में समाते हुए भी चुपचाप तमाशा देख कर सिर्फ बयानबाजी और गंभीर से मुंह फेरकर यह साबित कर रहे हैं की इन्हें राज्य की जनता के मौत और मासूमों के काल के गाल में समाने से कोई मतलब नहीं है। अहमद ने आगे कहा कि जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक राष्ट्रीय संरक्षक पूव॔ सांसद पप्पू यादव के निर्देशानुसार मुजफ्फरपुर में इस मामले को लेकर के एक सर्वे का कार्य करेगी। और यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि आखिर ऐसे मौतों के बाद भी राज्य सरकार क्यों नहीं खुलती है।
क्या गरीबों के बच्चों के मरने के प्रति सरकार गंभीर नहीं है या राज्य सरकार की ओर से इस बिमारी को रोकने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं है। तभी तो हर साल सैकड़ों बच्चे मौत के मुंह में चले जाते हैं। इसलिए राज्य और केंद्र सरकार इस मामले में बयानबाजी के सहारे अपना काम चला लेती है।