बिहार की आवाज :- धूम्रपान निषेध क़ानून क़ोटपा को प्रभावी बनाने को लेकर पीएचसी कैंपस में शनिवार को नशा विरोधी अभियान चलाया गया। जिसमें मुख्य रूप से गुटखा छोड़ो आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष कुमार मानव एवं प्रभारी चिकित्सक रविंद्र प्रसाद शामिल हुए। मानव समाज सेवा सभा द्वारा संचालित उक्त कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने नशा को हर तरह के अपराध की जननी बताया। तथा इस पर लगे प्रतिबंध को ज़मीनी रूप से लागू कराने की बात कही। सभा में शामिल दर्जनो रोगियों एवं उनके परिजनों ने भी नशे से होने वाले शारीरिक एवं आर्थिक दुष्प्रभावों की जानकारियाँ साझा किया। इस अवसर पर समाजसेवी श्री मानव एवं चिकित्सक रविंद्र प्रसाद ने कहा कि गुटखा, तम्बाकू,धूम्रपान के सेवन से हर साल लाखों लोग बीमार हो रहा हैं। ज़्यादातर लोगों की पैसे के अभाव में मौत हो जाती है। और उनका हँसता- खेलता परिवार बर्बाद हो जाता है। व्यापक जनहित में ख़ासकर सार्वजनिक स्थलों को पूर्ण रूप से नशामुक्त बनाने के लिए ही धूम्रपान निषेध क़ानून बनाया गया है। उन्होंने बताया कि जो लोग क़ानून का उल्लंघन करेंगे उनपर सख़्त कार्रवाई करते हुए उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा।
मानव ने उपस्थित चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को सुझाव देते हुए कहा कि मरीज़ों को इलाज के दौरान भी नशा छोड़ने की सख़्त हिदायत दें। उन्हें यह स्पष्ट बताया गया कि नशा करने बालों पर दवा का असर अपेक्षाकृत कम होता है। लोगों को नशे के ख़िलाफ़ जागरुक करने के उद्देश्य से इस तरह का आयोजन समय समय पर करते रहने की सलाह अस्पताल प्रबंधक को श्री मानव ने दी तथा नशा छोड़ने का सामूहिक संकल्प दिलाया। इस अवसर पर प्रभारी रविंद्र प्रसाद के अलावे डा. प्रमोद कुमार सिन्हा, डा. रिंकु कुमारी, हेल्थ मैनेजर सजनीश कुमार, बीसीएम राकेश कुमार, गंगा सागर, मो. सालिक निज़ामी, रिपु सुदन प्रसाद, विभा कुमारी, पिंकु देवी, मीना कुमारी, सुभाषिनी कुमारी, संगीता कुमारी, सुनीता सिन्हा, पूनम कुमारी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।