प्रेस विज्ञप्ति- पटना 23 जुलाई 2019 :
जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जानबूझकर गरीबों, शोषितों और पीड़ितों के हक में काम करने वाले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद श्री राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का सुरक्षा और भाई श्रेणी को वापस लिया है। जबकि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों को यह बात पता है कि बिहार में जनता के हित में तथा उन पर होने वाले जुल्म में के खिलाफ न्याय दिलाने के लिए अगर किसी पार्टी के नेता ने संघर्ष किया है तो उसका नाम है राजेश रंजन पप्पू यादव अभी बाढ़ के विपदा के समय में भी हर क्षेत्र और हर लोगों तक पहुंच कर उनको राहत देने और दिलाने का कोई कार्य कर रहा है। तो वह सिर्फ पप्पू यादव है।
इतना ही नहीं बिहार में चमकी बुखार का मामला हो या लू से मरने का सभी मामले में पप्पू यादव ने पीड़ित परिवार तक हर स्तर से सहायता पहुंचाने का काम किया और उसके लिए डॉक्टरों की टीम लेकर मुजफ्फरपुर वैशाली सहित अन्य जिलों में जाकर पीड़ित परिवार की न सिर्फ सेवा की बल्कि उन्हें राहत देने का काम किया। श्री अहमद ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को यह देखना चाहिए था कि जनहित के मुद्दे पर और जनता के लिए संघर्ष करने वाले नेता के विरुद्ध जिस तरह से माफियाओं का एक गठजोड़ तैयार हो रहा है। ये कहीं ना कहीं सेवा और राहत देने वाले नेताओं को रोकने का एक साजिश मालूम पड़ती है।
जबकि सभी लोगों को पता है की पप्पू यादव बिहार में बढ़ते अपराध और अपराधियों तथा माफियाओं के खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किए हुए हैं। और संघर्ष के माध्यम से विपक्ष के नेता के तौर पर सशक्त रूप से कार्य कर रहे हैं। उसके बाद भी उनकी सुरक्षा बढ़ाने के स्थान पर सुरक्षा समाप्त करना यह कहां का न्याय है। इसे केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी और बिहार के गृह मंत्री श्री नीतीश कुमार जी देखने का काम करें ,अन्यथा बिहार में सशक्त विपक्ष की भूमिका दिखाई नहीं देगी जो लोकतंत्र के हित में नहीं होगा।