देश भर में सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. दिल्ली के शाहीन बाग़ से लेकर बिहार राजधानी पटना के सब्जीबाग़ तक प्रदर्शन का दौर जारी है. इसी क्रम में 29 जनवरी को वामदलों ने भी इस कानून के विरोध में भारत बंद का एलान किया है. बता दें कि बामसेफ और दूसरे जन संगठनों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ 29 जनवरी को भारत बंद बुलाया है.
सीएए के विरोध में वामदलों के इस बंद का समर्थन कई राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ इमारते-शरिया भी कर रहा है. हम के प्रमुख और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, रालोसपा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, वीआईपी के मुकेश सहनी समेत बिहार की तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस बंद को समर्थन देने का एलान किया है.
रालोसपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि बामसेफ और दूसरे जन संगठनों के द्वारा बुलाए गए बंद का हम समर्थन करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इस काले कानून के साथ-साथ एनआरसी और एनपीआर का भी हमेशा से विरोध करता रहा है. पार्टी ने इसका समर्थन करते हुए कहा है कि बिहार के पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के कार्यकर्ता इस बंद में हिस्सा लेकर इसे सफल बनाएंगे. पार्टी ने शनिवार को वाम पंथी दलों के सीएए व एनआरसी के खिलाफ लगाए मानव कतार में भी पंचायत से लेकर जिला स्तर तक हिस्सा लिया था.
बता दें कि बिहार में विपक्षी दलों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में 25 जनवरी को मानव श्रृंखला भी बनाया था. बिहार में आरजेडी, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, आरएलएसपी और पप्पू यादव की जनअधिकार पार्टी बंद में हिस्सा लेगी.