पटना : बिहार: 23 अप्रैल को होगी सभी अंचलों के कामकाज की जांच, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग तय करेगा फॉर्मेट; उसी दिन देनी होगी रिपोर्ट
बिहार में 23 अप्रैल को सभी अंचलों के कामकाज की जांच की जाएगी। मुख्य सचिव ने दिशा-निर्देश के तहत अंचल कार्यालयों में लोगों की परेशानियों की जांच की जाएगी। नोडल अधिकारी रिपोर्ट एकत्रित करेंगे।
बिहार के सभी अंचलों के कामकाज की 23 अप्रैल को जांच होगी। मुख्य सचिव, बिहार आमिर सुबहानी के दिशा-निर्देश के तहत अंचल कार्यालयों में सरकारी कामकाज और आमजनों को होने वाली परेशानियों की जांच की जाएगी। राज्य सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी 534 अंचलों में रैंडम आधार पर अधिकारियों को जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच शुरू करने के कुछ घंटों पूर्व ही किस अधिकारी को किस अंचल में जांच के लिए जाना है, यह निर्धारित किया जाएगा। ताकि, निष्पक्ष तरीके से जांच की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जांच के बिंदु तय करेगा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अंचल कार्यालयों की जांच के बिंदुओं को तय करेगा। इसके लिए विभाग द्वारा एक फॉर्मेट तय किया जाएगा। इसमें अमीन से लेकर अंचल पदाधिकारी तक के कामकाज की जांच की जाएगी। अंचल कार्यालयों में कार्य की रफ्तार अथवा धीमी गति को लेकर स्थानीय लोगों से फीडबैक भी लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार के स्तर पर अंचल कार्यालयों की स्थिति, वहां अधिकारियों की तैनाती, निर्धारित कार्यावधि में कर्मियों की अनुपस्थिति सहित अन्य बिंदुओं का निर्धारण किया जाएगा। सभी बिंदुओं की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन उसी दिन प्राप्त की जाएगी।
सभी जिलों के जिलाधिकारियों को तैयारी के निर्देश
सूत्रों ने बताया कि सभी जिलों के जिलाधिकारियों को अंचल कार्यालयों की गतिविधियों की जांच की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि राज्य के विभिन्न अंचल कार्यालयों के कामकाज को लेकर राज्य सरकार को प्राय: शिकायतें मिल रही हैं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान भी अंचल कार्यालयों में शिकायतों की फेरहिस्त सामने आई है। इसे राज्य सरकार ने गंभीरतापूर्वक लिया है और सभी अंचल कार्यालयों की जांच कराने की तैयारी की है।
पंचायतों की जांच रिपोर्ट दाखिल करने को लेकर पोर्टल तैयार
राज्य सरकार के निर्देश पर 13 अप्रैल को 1693 पंचायतों की औचक जांच की गई थी। जांच रिपोर्ट ऑनलाइन दाखिल किए जाने को लेकर पोर्टल तैयार हो चुका है। जांच में शामिल अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट दाखिल किए जाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। 17 अप्रैल तक सभी अधिकारियों से पोर्टल पर जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आगे से अधिकारियों के लिए 24 घंटे के अंदर पोर्टल पर जिलावार आंकड़ों के साथ जांच रिपोर्ट दाखिल करना अनिवार्य होगा।
जांच रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित नियमों के अनुसार दोषी अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। रिपोर्ट में जहां सरकारी योजनाओं के तहत कमी पाई जाएगी उसे दुरुस्त भी किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पांच चरणों में अलग-अलग पंचायतों की पुन: जांच की जाएगी। हालांकि, जांच के क्रम में अधिकारियों को प्रत्येक चरण में बदल दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि इस सतत चलने वाली कार्रवाई का उद्देश्य सरकारी व्यवस्था को दुरुस्त करना है। उदाहरण के लिए सरकारी कार्यालयों से राज्य सरकार के नियमों के अनुसार कर्मियों की अनुपस्थिति को समाप्त करना है।
जिले के नोडल पदाधिकारी सभी रिपोर्टों को एकत्र करेंगे। अगर किसी वीवीआईपी मूवमेंट या विधि-व्यवस्था को लेकर कोई अधिकारी पंचायतों की जांच में शामिल नहीं हो पाता है तो इसकी जानकारी नोडल पदाधिकारी को देनी होगी। सभी जिलों के प्रभारी अधिकारी जिलों के दौरे के क्रम में जांच रिपोर्ट व कार्रवाई की जांच करेंगे। सिविल सर्विसेज दिवस के दिन सभी जांच को लेकर फीडबैक साझा किया जाएगा।