रोहतास: आज समाहरणालय स्थित संवाद कक्ष में, ‘पर्यावरण संरक्षण आज का युगधर्म’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। जिसमें सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ, जल प्रहरी श्री मनोहर मानव, जल बिरादरी, आदर्श लोक कल्याण संस्थान एवं हिमालयन रिवर बेसिन कॉउन्सिल आदि स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों ने भाग लिया।
बढ़ती हुई गर्मी, असामयिक वर्षा, ग्लेशियर का पिघलना, छोटी-बड़ी नदियों में भयंकर प्रदूषण, भू -गर्भ जलस्तर में कमी आदि विषयों पर गंभीर चिंतन एवं मंथन किया गया।
श्री मनोहर मानव द्वारा बताया गया कि बिहार सरकार की वैश्विक पहल “जल-जीवन -हरियाली” इस दिशा में अत्यंत प्रशंसनीय कदम है। जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम में जब तक राज्य के साथ समाज की व्यापक भागीदारी नही होगी तब तक यह अभियान पूर्ण रूप से सफ़ल नही होगा।
उक्त अवसर पर कई महत्वपूर्ण सुझाव पर अमल करने का निर्णय लिया गया।
फसल चक्र में सुधार-फसलों में ज्यादा पानी का उपयोग होता है। इसमें सुधार की जरूरत है। यह बिहार के उद्यान तंत्र कर माध्यम से संभव हो सकता है। उद्यान तंत्र के माध्यम से बिहार को बाढ़ एवं सुखाड़ से भी मुक्त रखा जा सकता है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी कार्य अकेले राज्य नही कर सकता है।उसमें समाज की भागीदारी ज़रूरी है। यह अभियान/यात्रा राज्य एवं समाज के सेतु बनने की कड़ी है।
जल-जीवन-हरियाली के ग्यारह अवयवों पर राज्य और समाज दोनों के संयुक्त ज्ञान के आधार पर कार्य करने से इसके बेहतर परिणाम हासिल होंगे।
भू गर्भ जल स्तर की वृद्धि आदि विषयों पर भी चर्चा की गई। इसमे रोहतास जिले में संबंधित विभागों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की गई।
ज्ञातव्य है कि नदी एवं पर्यावरणीय चेतना जागरण हेतु बिहार संवाद यात्रा का आयोजन किया गया था। वैश्विक जलवायु संकट को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण आज का युग धर्म है। उपरोक्त कार्यक्रम में सर्वोदयी नेता श्री अरविंद कुशवाहा, सामाजिक कार्यकर्ता श्री दीपक कुमार, डीआरडीए डायरेक्टर श्री मुमताज आलम, डीपीओ मनरेगा श्री संजय कुमार, श्री जितेंद्र कुमार कार्यक्रम पदाधिकारी सासाराम आदि ने भाग लिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता डीआरडीए के डायरेक्टर श्री मुमताज़ आलम द्वारा किया गया।