Madhepura: मुकेश कुमार-
भारतीय दर्शन में जीवन-प्रबंधन विषयक संवाद शुक्रवार को
मधेपुरा। दर्शनशास्त्र विभाग, बीएनएमयू, मधेपुरा के तत्वावधान में 29 जुलाई (शुक्रवार) को पू. 11 बजे से ‘भारतीय दर्शन में जीवन-प्रबंधन’ विषयक आनलाइन-आफलाइन संवाद का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् (आईसीपीआर) नई दिल्ली के स्टडी सर्किल कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित है।
*इंदु पांडेय खंडुरी होंगी मुख्य वक्ता*
आयोजन सचिव डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि संवाद की अध्यक्षता आईसीपीआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेशचंद्र सिन्हा करेंगे। मुख्य अतिथि अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर होंगे। मुख्य वक्ता मुख्य वक्ता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर-गढ़वाल (उत्तराखंड) में दर्शनशास्त्र विभाग की अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर प्रो. (डॉ.) इंदु पांडेय खंडुरी होंगी।संचालन श्रीनगर-गढ़वाल (उत्तराखंड) की सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं योगगुरु डॉ. कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ करेंगी। विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करेंगे।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के आनलाइन मोड में विशेष रूप से प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया गया है, जिसमें प्रतिभागी अपने कैरियर एवं व्यक्तिगत जीवन से की समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। ऑफलाइन रूप से कार्यक्रम में अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. पवन कुमार, डॉ. एम. आई. रहमान, कुलसचिव मिहिर कुमार ठाकुर, शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. नरेश कुमार आदि की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
*सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं तीन संवाद*
डॉ. शेखर ने बताया कि ‘स्टडी सर्किल’ आईसीपीआर की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत लोगों का एक छोटा समूह नियमित रूप से एक वर्ष तक प्रत्येक माह एक पूर्व निर्धारित विषय पर संवाद और चर्चा-परिचर्चा करते हैं। बीएनएमयू, मधेपुरा में अब तक तीन संवाद सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। प्रथम संवाद (अप्रैल 2022) में आईसीपीआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा ने ‘सांस्कृतिक स्वराज’ विषय पर मार्गदर्शन दिया था। दूसरे संवाद में ‘गीता का दर्शन’ विषय पर अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रो. जटाशंकर मुख्य वक्ता थे। जून में तीसरा संवाद ‘मानवता के लिए योग’ विषय पर हुआ, जिसके मुख्य वक्ता पटना विश्वविद्यालय पटना के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एन. पी. तिवारी थे। चौथा संवाद 29 जुलाई (शुक्रवार) को भारतीय दर्शन में जीवन- प्रबंधन विषय पर सुनिश्चित है।
*मार्च 2023 तक के लिए विषय निर्धारित*
उन्होंने बताया कि स्टडी सर्किल के अंतर्गत अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक के लिए विषयों का निर्धारण किया जा चुका है। आगे वेदांत दर्शन : एक विमर्श (डाॅ. राजकुमारी सिन्हा, रांची), बौद्ध दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. वैद्यनाथ लाभ), नव वेदांत की प्रासंगिकता (स्वामी भवात्मानंद महाराज), समाज-परिवर्तन का दर्शन (डॉ. पूनम सिंह) एवं राष्ट्र-निर्माण में आधुनिक भारतीय चिंतकों का योगदान (डॉ. नरेश कुमार अम्बष्ट), टैगोर का मानववाद (डॉ. सिराजुल इस्लाम),
गांधी-दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. विजय कुमार) एवं सर्वोदय-दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. विजय कुमार) विषयक संवाद का आयोजन किया जाएगा।