तेज धूप व गर्मी के कारण बच्चे में बुखार व डायरिया एवं जोंडिस जैसी बीमारियों से शिकार हो रहा हैं। इनदिनों जिले के अस्पताल व सदर अस्पताल में बच्चों के बीमार होने से परिजन परेशान हो रहा हैं। यहां तक छोटे नोनिहालों को लेकर डॉक्टर के यहां दस्तक दे रहा हैं। इस भीषण गर्मी में बच्चों के बच बचाव में थोड़ी सी कमी होने पर तेज बुखार व जोंडिस का शिकार से मौत हो रहा हैं।चाइल्ड स्पेसलिस्ट डॉक्टर आशिफ रशीद ने बताया अक्सर अपने घर मे बच्चों का सही तरह देख भाल की कमी के कारण बच्चे तेज धूप में खुले शरीर यानी बच्चों के बदन पर कपड़े नही रहने के कारण अनेक बीमारी का शिकार से मौत हो रहा हैं। बच्चों को धूप से बचाव के लिए बच्चे का शरीर सूती कपड़ों से ढका हुआ चाहिए। दूसरी बात यह है कि सुध पेयजल नहों मिलने से भी बच्चे डायरिया जैसे रोग का शिकार होते हैं। अभिभावक ने यह भी कहा कि मौसमी कच्चा पका फल के खाने से भी रोग होता हैं। क्योंकि फलों को कार्बाइट से पकाया जाता है जो की नुकसान होता है। श्री रशीद ने यह भो बताया कि बीमारी से बचने के लिए घरों में साफ सफाई का होना बहुत जरूरी है। दूषित जल,गरीबी के कारण,पी एच सी की कमी , सरकारी स्वास्थ वेवस्था के माध्यम से बुखार , चमकी बुख़ार, डायरिया आदि बीमारियों के बचाव के लिए या जागरुक होने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है। ना ही किसी राज नेता का इस ओर कोई खास ध्यान है। या फिर विभागीय द्वारा ही ठोस कदम उठाया गया हो। दूर दराज गांव से सभी दिन सदर अस्पताल में रोगियों का तांता लगा रहता है। गांव पंचायत में जो भी उपस्वास्थ्य केंद्र है। वह डॉक्टर के कमी के कारण लावारिश है। अपने बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए खुद को जागरूक होना जरूरी है।