समस्तीपुर जिले के खानपुर प्रखंड क्षेत्र के जहांगीरपुर पंचायत के वार्ड नंबर 4 में अवस्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय पीरखपुर में वर्षों से चल रही है।अनियमितता वहीँ ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में किसी भी प्रकार का कोई विधि व्यवस्था ठीक नहीं है। यहा के बच्चों के शिक्षा के विषय में तो बात ही मत किजिए यहाँ तो ढ़ंग से पोशाक, छात्रवृती एवं पुस्तक की राशि भी ढ़ंग से नही मिल रही है। तो पढ़ाई क्या खाक होगा। जब पुस्तक ही नही तो पढ़ाई कैसी। स्कूल के मध्याह्न भोजन में विद्यालय की उपस्थिति संपूर्ण किंतु पोशाक, छात्रवृत्ति एवं पुस्तक अनुदान के लिए उपस्थिति पूर्ण नहीं है। वहीँ मध्याह्न भोजन में चल रही है दुर्व्यवस्था। स्कूल के सचिव का कहना है कि उन्होने पूर्ण राशि का चेक काटकर प्रधानाध्यापक विजय कुमार को सुपुर्द कर दिया है। वहीं प्रधानाध्यापक का कहना है कि बैंक इसके लिए दोषी है। वह छात्रों को बैंक भेजते हैं और छात्र बैंक से खाली हाथ लौटकर चले भी आते हैं।
ऐसा दिन भर में दो-तीन बार होता है। बच्चों को इस गर्मी में दौड़ाया जाता है। इससे विद्यालय के प्रबंधन को कोई मतलब नहीं है। स्कूल का मकान भी टूटा है। लेकिन पुनःनिर्माण नहीं हो पाया है। और सामग्री भी उठ गया। इस विद्यालय में सात शिक्षक पदस्थापित है। लेकिन ससमय कोई उपस्थित नहीं रहते हैं तथा मिलीभगत से विद्यालय आते जाते हैं। वही प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी अनिल ठाकुर का कहना है कि विद्यालय की अनियमितता के विषय में उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है। वहीँ आज इसी विषय को लेकर कुछ पत्रकार कर्मी स्कूल में पहुंचे और उन्होंने वहां की अनियमितता को अपने कैमरे में कैद किया। अगर प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी वहां कभी भी गए है तो उन्होंने वहां की शौचालय और मध्याह्न भोजन का लगता है ढ़ंग से निरीक्षण नहीं किया है।
सिर्फ खाना पुर्ती करके वापस लौट आए हैं अथवा वहाँ कभी गये हीं नहीं हैं। समय रहते अगर सरकार और जिला प्रशासन इस विषय पर ध्यान नहीं देती है तो भगवान ही जाने क्या होगा। जबकि इसी विद्यालय में 22 वर्षों से पदस्थापित प्रधानाध्यापक विजय कुमार के द्वारा इसी तरीके से स्कूल चलाया जाएगा और वहां के छात्र छात्राएं दिक्कत में रहेंगे। अब देखना यह है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी इस पर क्या कदम उठाते हैं।